नयी दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच अब धीरे-धीरे राज्य सरकारें पर्यटकों के लिए सुरक्षा मानकों के साथ पर्यटन स्थलों को खोल रहे हैं। ऐसे में ‘देखो अपना देश’ नामक योजना भी कारगर साबित हो सकती है। भारत का कोई भी नागरिक इस योजना का लाभ उठा सकता है। इस योजना के तहत साल 2022 तक गृह राज्य को छोड़कर बाकी के प्रदेशों के 15 पर्यटन स्थलों की यात्रा करनी होगी। साथ ही साथ इन स्थलों की फोटो सरकार को भेजना पड़ेगा लेकिन यह यात्रा एक साल के भीतर समाप्त होनी चाहिए। ऐसे में सरकार आपकी यात्रा का पूरा खर्चा उठाएगी।
देश-विदेश के पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए सरकार भारत को बुद्ध की भूमि के तौर पर पेश कर रहा है। अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक चीन और दूसरे करीबी बौद्ध देशों पर पर्यटन मंत्रालय अपनी नजर बनाए हुए है। हाल ही में केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद पटेल ने भारत को बुद्ध की भूमि बताते हुए कहा था कि मंत्रालय ने बौद्ध स्थलों के विकास के लिए कई पहल की है। उन्होंने कहा था कि दुनियाभर में बौद्ध धर्म के अनुयायियों की संख्या बहुत अधिक है। भारत तो भगवान बुद्ध की भूमि के रूप में जाना जाता है और बौद्ध विरासतों के मामले में भी हमारा देश काफी सम्पन्न है। लेकिन फिर भी यहां पर विदेशी पर्यटकों का प्रतिशत बहुत कम है।
इसी वजह से प्रहलाद पटेल ने पिछले हफ्ते टूर ऑपरेटर्स से पूछा था कि आखिर इतनी कम संख्या में बौद्ध पर्यटक क्यों आते हैं ? रिपोर्ट के मुताबिक बौद्ध पर्यटन के जरिए भारत चीन पर अपनी नजर भी बनाए रखना चाहता है। चीन ने बौद्ध धर्मगुरुओं को तैयार करने में काफी पैसा खर्च कर चुका है और इस योजना के जरिए भारत अपने पड़ोसी देशों में पहुंच भी बढ़ाना चाहता है।
इस दौरान प्रहलाद पटेल ने सरकार के उत्तर प्रदेश के कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने के फैसले पर अपनी राय व्यक्त की और कहा कि इससे पर्यटकों को यहां आने-जाने के लिए बेहतर संपर्क सेवा मिल सकेंगी जिसके परिणामस्वरूप घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन और क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक पर्यटन मंत्री ने बौद्ध धार्मिक ग्रंथ मंगोलियन कंजूर के 108 खंड को राष्ट्रपति और मंगोलिया के राजदूत को भेंट की है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रहलाद पटेल इस ग्रंथ के सभी खंडों को छपवाएगी और फिर मंगोलिया की सभी मोनेस्ट्री को मुहैया कराएगी।
प्रमोशनल कार्यक्रम शुरू
बौद्ध धर्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रीलय ने कई प्रमोशनल कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसमें बौद्ध धर्म से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थलों (श्रीवस्ती, सारनाथ, कुशीनगर और सांची) में चीनी समेत कई विदेशी भाषाओं के संकेत लगाए हैं।
कोरोना संक्रमण की वजह से अर्थव्यवस्था सुस्त हो गई है ऐसे में रफ्तार देने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। जिसको ध्यान में रखते हुए कई राज्य सरकारों ने सुरक्षा मानकों के साथ पर्यटन स्थलों को खोलने का निर्णय लिया है। उत्तराखंड में पर्यटकों को कोरोना निगेटिक की पुष्टि वाला स्वास्थ्य सर्टिफिकेट देना पड़ता है। जिन लोगों ने यह सर्टिफिकेट मुहैया करा दिया उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में नहीं रहना पड़ता। जबकि गोवा घूमने के लिए पर्यटकों को पहले से होटलों की बुकिंग करानी पड़ती है और सीमा में प्रवेश से पहले उनका टेस्ट होता है और अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो पर्यटक के पास विकल्प मौजूद रहते हैं कि वह य तो गोवा में अपना इलाज करा सकता है या फिर उसे वापस उसके गृह राज्य भेज दिया जाएगा।